प्रेम कहानी

 
प्रेम कहानी


नमस्कार दोस्तों आज मैं आपको सुनाऊंगा पापा मैं आपको छोड़ सकती हूं लेकिन रोहित को नहीं दोस्तों यह कहानी एक नादान लड़की की है जो मैं आपको सुनाने जा रहा हूं मैं अपनी उम्र के उस पड़ाव में थी। जब कोई भी लड़की किसी लड़के के प्यार में अपना सुध-बुध खो बैठती है यानि कि मेरी उम्र उस वक्त चतरा से 18 साल की थी अच्छे बुरे की तमीज और दुनियादारी को परखने का डंक मुझे में नहीं था। मेरी सोच में गहराई नहीं थी मेरा तो बस लड़कों के खूबसूरत चेहरे को देख उन पर मर मिटने को जीता था यह उम्र का वह दौर था। जब हर लड़की को एक साथ ही की जरूरत होती है मैं भी उन्हीं लड़कियों में

से एक थी जिसे अभी साथी की जरूरत महसूस होने लगी थी लेकिन कुछ दिनों के बाद मुझे एक साथ मिल गया वह लड़का मेरे सामने वाले फ्लैट में रहता था और वह देखने में बहुत ही खूबसूरत भी था कि कुछ दिनों में मैं उसकी खूबसूरती की दीवानी हो गई एक दिन जब मैं उसे चुप कर देख रही थी तो उसने मुझे देख लिया अब कुछ दिनों तक हम दोनों यूं ही एक दूसरे को देखते रहे पर कुछ दिन बाद इशारो इशारो में हम दोनों की बातें होने लगी बातें होते-होते कि हम दोनों का मिलने का सिलसिला भी शुरू हो गया उसका नाम रोहित था मैं रोहित के प्यार में इतनी पागल हो गई थी कि आप उसके बिना मुझे कुछ भी दिखाई

नहीं देता था तभी एक दिन मेरे पिताजी मेरे लिए एक लड़की का रिश्ता लेकर आ गए उस लड़के का फोटो भी था जब मेरी मां ने उस लड़के का फोटो मुझे दिखाया तो वह फोटो देखते ही मैंने इस फोटो को फाड़ दिया और कहा कि आप लोगों को मेरी शादी के लिए यही लड़का मिला था कि इतना बदसूरत है यह लड़का मैं इस लड़के से शादी हरगिज नहीं करूंगी है वैसे सच कहूं तो वह फोटो वह लड़का भी थोड़ा स्मार्ट था और मैं तो रो इससे प्यार करती थी रोहित के प्यार में पागल ज्योति शाम को जब पिताजी घर वापस आए तो मैंने उन्हें सारी बात बता दी तभी पिताजी ने मुझे बुलाया और उससे शादी से इंकार करने

का कारण पूछा मैंने भी बिना हिचकिचाहट के उन्हें सब कुछ बता दिया कि पिताजी जो रिश्ता आप लेकर आए हैं वह लड़का मुझे पसंद नहीं और मैं सामने वाली बिल्डिंग में रहने वाले रोहित नाम के लड़के से प्यार करती हूं और उसी से ही शादी करना चाहती हूं मेरी बातें सुनने के बाद पिताजी ने मुझे समझाते हुए कहा बेटा सुंदरता ही सब कुछ नहीं होती सीरत देखी जाती है तुम जिस लड़के के बारे में बात कर रही हो तो उस लड़के के बारे में जानते हैं क्या हो मैंने पापा से कहा पापा मैं उससे ज्यादा तो नहीं जानती बस यूं ही हम दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे और हमें दूसरे

से प्यार हो गया है तो पिताजी ने गुस्से में कहा वह लड़का कौन है कहां का रहने वाला है उसका खानदान कहां है बेटी जो लड़का मैंने तुम्हारे लिए ढूंढा है वह बहुत अच्छा है और वह इंजीनियर भी है मुझे पता था कि पिताजी मेरी शादी रोहित से कभी नहीं होने देंगे पर मैं भी अपनी जिद पर अड़ी थी मुझे भी शादी करनी थी तो रोहित से तभी पिताजी मेरी शादी की बात आगे बढ़ाते कि मैंने और रोहित ने मिलकर एक प्लान बनाया कि हम दोनों घर से भाग कर मंदिर में जाकर शादी कर लेंगे उसके बाद घर आ जाएंगे और घर वाले भी हमें एक्सेप्ट जरूर कर लेंगे मेरे अंदर तो नादानी थी पर

यह सारी बातें मुझे रोहित नहीं सिखाया था तभी एक दिन मैंने धीरे से दरवाजा खोला और रोहित के साथ निकल गई अगले दिन सुबह मैं शादी करके रोहित के साथ घर वापस आ गई तो मेरे घरवाले मुझे अपने घर में रखने को तैयार नहीं हुए मां और पिताजी मुझसे बहुत नाराज थे वह लोग मेरा चेहरा तक देखना भी पसंद नहीं कर रहे थे थे तभी उन्होंने गुस्से में घर का दरवाजा भी बंद कर दिया तभी मैं बहुत ज्यादा रोती हुई रोहित के साथ चली गई और कहीं और जाकर हम दोनों शिफ्ट हो गए शादी के एक-दो दिन बाद जब मैं रो इससे उनके खानदान के बारे में पूछा तो रोहित ने बात को टालते हुए कहा कि वह लोग

इस शहर से बहुत दूर रहते हैं कभी टाइम मिला तो तुम्हें जरूर मिलूंगा अब मैं और रोहित अपने रोमांस भरी दुनिया में खो गए और हमारी यह उम्र ही सोचने-समझने की नहीं थी हम तो बस प्यार की जा रहे थे रोहित के साथ कुछ दिन तो मेरे अच्छे खासे उतरे पर कुछ ही दिनों बाद हमारे घर में पैसों की तंगी आने लगी मैंने जब उससे पूछा कि रोहित तुम काम क्या करते हो हमारी शादी को कितने दिन हो गए तुम अब तक काम पर भी नहीं गए आखिर तुम घर का खर्चा कैसे चलाओगे सभी रोहित ने मुझसे कहा देखो सुप्रिया मैं काम तो कुछ भी नहीं करता जब मुझे कोई काम भी जाता है तो मैं कर लेता हूं और बुरा मत

मानना मुझे लगा था कि तुम अपने माता प कि इकलौती बेटी हो और जब तुमसे शादी हो जाएगी तो तुम्हारे बाप की प्रॉपर्टी तो हमें मिल जाती है तुम्हारे जैसे अमीर बाप की बेटी के पति को काम करने की क्या जरुरत पर तुम्हारे पापा ने तो हमें घर से निकाल दिया रोहित के मुंह से ऐसी निकम्मी भरी बातें सुनकर तो मेरा दिमाग चकरा गया जिंदगी में पहली बार मैंने इतना बड़ा धोखा खाया था और ऐसा धोखा कि मेरी पूरी जिंदगी खराब हो गई थी आज मुझे अपने पापा की कही हुई एक बात याद आने लगी पापा ने सच कहा था कि बेटा सूरत ही सब कुछ नहीं होता सीरत भी देखी जाती है और अब तो इतनी बड़ी गलती हो

चुकी थी और अब दिन-रात मैं रोती हुई यह सोच रही थी कि मैंने ऐसी गलती कैसे कर दी मगर मैं रोहित के प्यार में इतनी पागल हो गई थी कि शादी करने से पहले मैंने कभी भी रोहित से उसकी नौकरी के बारे में नहीं पूछा बस वह मुझे पसंद आ गया और उस से भागकर शादी भी कर ली तभी कुछ दिन बाद मैं प्रेगनेंट हो गई है प्रभजीत को पता चली तो वह खुश होने की वजह है और गुस्सा होकर कहने लगा कि अब हम दोनों का पेट पालना मुश्किल है अब एक और चीज अंजार आ जाएगा चलो तुम अबॉर्शन करवा लो तभी मैंने खूब रोते हुए रोहित से कहा कि रोहित मेहरा तुमसे इतना प्यार किया और तुम हो कि उस

प्यार का यह सिला दे रहे हो चाहे कुछ भी हो जाए मैं अपने बच्चे का पोर्शन है करवा सकती रोहित ने गुस्से में कहा ठीक है मत करवाओ कुछ दिनों बाद दोपहर का वक्त था रोहित घर से कहीं दूर चला गया और कभी भी वापस लौट कर नहीं आया मैंने कुछ दिनों तक रोहित का हक इंतजार किया पर घर में पैसों की तंगी होने की वजह से मैं कब तक इंतजार करती अब मुझे सब समझ आ चुका था कि रोहित ने मुझे प्यार नहीं बल्कि वह तो मुझे इस्तेमाल कर रहा था मेरी नासमझी का फायदा उठाते हुए उसने मेरी प्रॉपर्टी की वजह से मुझे शादी की और जब पापा ने हम दोनों को घर में रखने से मना कर दिया तो वह मुझे

छोड़ कर चला गया कि मैं बहुत बेबस और लाचार हो गई थी अब मुझे ना चाहते हुए भी दो बार अपने माता-पिता के घर जाना पड़ा जब मैं अपने घर गई तो देखा मां सामने के दरवाजे पर बैठी हुई थी पर उनका चेहरा उदास था ना वह सिंदूर लगाई थी और ना ही बिंदी मां का चेहरा देख मुझे कुछ अनहोनी होने का एहसास हुआ मां मुझे देखते ही रोने लगी मां ने मुझसे कहा कि बेटी जब तो यहां से चली गई थी तो अगल-बगल के लोगों ने हमें ताने देने शुरू कर दिए और कहते थे कि एक ही बेटी थी उसे भी संभालना सके और वह भी इज्जत खराब करके भाग गई और यह रोज का हो गया था तेरे

पापा यह सब बर्दाश्त नहीं कर पाए उन्हें हार्ट अटैक आ गया और वह हमें छोड़कर चल बसे यह सुनकर मैं फूट-फूट कर रोने लगी और कहने लगी कि मां मुझे माफ कर दो यह सब मेरी वजह से हुआ है मैं अगर पापा की बात मान लेती तो मुझे यह दिन देखना नहीं पड़ता हूं तब मेरी मां ने मुझे बताया कि रोहित के साथ भागने के बाद पापा दिन-रात मेरे लिए रोते थे क्योंकि उन्होंने मेरे लिए जो सपने देखे थे वह सब मैंने तोड़ दिए थे मैं पापा की परी धीणो उनकी जान थी उनकी शांति मगर मेरी एक नासमझी ने पापा को खो दिया पर जिंदगी भर मेरे दिल में यह बात का टो की

तरह चुभती हैं कि काश मैंने अपने मां-बाप को धोखा नहीं दिया होता तो आज मेरे पापा भी जिंदा होते और मेरी जिंदगी भी यू बर्बाद ना होती प्यार करना कोई बुरी बात नहीं है और प्यार की परिभाषा बहुत कम लोगों को मालूम होती है आज के जमाने में प्यार का धोखा ज्यादा है पर मेरी हर उन्माद और लड़कियों से गुजारिश है कि बचपन में आकर कभी गलत कदम न उठाएं क्योंकि हमारे मां-बाप हमारे लिए बचपन से कितना सोचते हैं और हम उन्हें धोखा देकर कहीं भी भाग जाते हैं है और यह सब बहुत घातक साबित होता है।

 

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