मेरी किस्मत कहानी

 
मेरी किस्मत



दोबारा किसी से मोहब्बत हो सकती है। इसका जवाब शायद किसी के लिए हान होगा तो किसी के लिए ना यह कहानियां निशा नाम की एक लड़की की जो अमर नाम के लड़के से बहुत ही प्यार करती थी। दोनों कॉलेज के वक्त से ही एक दूसरे के पक्के दोस्त हैं और अमर वी निशा एक दूसरे को बहुत ही अच्छी तरह से समझते द सच में दोनों की भौतिक गहरी दोस्ती थी। जब भी अमर को कोई मुश्किल होती तो निशा हर हाल में उसका साथ देती थी। इसी तरह जब भी निशा को मुश्किल का सामना करना पड़ता। तो समझो किसी भी हाल में अमर उसके साथ खड़ा हुआ मिलता था। इसी तरह दोनों एक दूसरे का साथ निभाते गए और दोनों के बीच

में गहरी मोहब्बत हो गई वक्त के साथ-साथ इन दोनों का प्यार ऐसा हो गया की अगर भगवान भी इन्हें अलग होने के लिए कहे तो शायद उन्हें भी इनके आगे हर नहीं होगा अब कुछ ही समय बाद दोनों की कॉलेज की पढ़ खत्म हो गई और अमर और निशा दोनों ने ही अच्छी जॉब ज्वाइन कर ली और उनकी जिंदगी भी सही से खुशी से गुजर रही थी फिर एक दिन निशाने अमर से पता की अमर अब हमें शादी कर लेनी चाहिए अमर ने निशा की बात सुनकर कहा की ठीक है मैं आज ही अपने घरवालों से बात करता हूं और तुम भी अपने घरवालों से बात कर लेना परिवार वालों से एक दूसरे ने बात की तो उनके परिवार वालों को यह रिश्ता

पसंद ए गया और उन्होंने हान का दी इस रिश्ते के लिए कुछ समय बाद ही दोनों की सगाई का मुहूर्त भी निकल गया और कुछ ही दिनों में दोनों की सगाई भी काफी धूमधाम से हो गई कुछ दिनों बाद अमर ने अपनी कंपनी स्टार्ट की जिसमें निशा भी साथ थी दोनों एक साथ अपने नए कंपनी को अच्छे से चलाने लगे और कुछ ही समय में उसे कंपनी में काफी प्रॉफिट भी होने लगा वह उनका बिजनेस अच्छा खास चलने लगा एक दिन अमर को बिजनेस के सिलसिले में किसी दूसरे शहर जाना पड़ा वहां उसकी मुलाकात प्रेम से होती है दोनों बिजनेस मीटिंग अटेंड करने के बाद बिजनेस पार्टी अटेंड करते हैं पार्टी में अमर और

प्रेम की अच्छी दोस्ती हो जाती है उसे वक्त दोनों एक दूसरे को अपनी लाइफ की बातें शेयर करते हैं और दोनों हमेशा अपने दोस्तों निभाए रखने का वादा करते हैं तभी जब अपनी गाड़ी में घर जा रहा था तो अचानक प्रेम की गाड़ी ने अमर की गाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी और अमर यह हादसा बर्दाश्त नहीं कर पाया और वहीं पर उसकी मौत हो गई जब निशा को और अमर के घर वालों को यह बात पता चली की अमर का एक्सीडेंट हो गया और वह इस दुनिया में नहीं रहा तो वो यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके निशा तो पुरी तरह ही सदमे में थी पर निशा को यह नहीं पता था की अमर का एक्सीडेंट प्रेम की वजह से हुआ था

प्रेम से निशा और अमर के घर वालों की ऐसी हालत देखी नहीं गई वह उनकी मदद करने गया मगर अमर का दोस्त नहीं बल्कि अमर के द्वारा किया गया एक एंप्लॉई बनकर कंपनी में जॉब ज्वाइन करने वाला था कंपनी में पहुंचकर उसने निशा की भी बहुत हेल्प की और अमर निशा की कंपनी को आगे बढ़ते हुए अमर के घर वालों को भी संभाला प्रेम ने अमर के घरवालों को अपना परिवार बना लिया अमर की छोटी बहन प्रेम को अपना भाई मानने लगी अमर के पापा अमर के मरने के बाद पैरालाइज हो चुके द प्रेम ने उनका भी ख्याल रखा अमर के दादी निशा को अपनी बेटी माना थी वह हर वक्त निशा से कहती थी की वह कई और शादी कर

ले और निशा उन्हें अपना परिवार मानती थी उसने कभी कहीं और शादी करने की नहीं सोची क्योंकि वह अमर से बहुत ही ज्यादा प्यार करते द और उसे भूलना उसके बस की बात नहीं थी प्रेम धीरे-धीरे अमर के परिवार के घर का हिस्सा बन चुका था और प्रेम को निशा से भी प्यार हो चुका था निशा भी प्रेम के इतने अच्छे बिहेवियर से बहुत ही ज्यादा खुश थी प्रेम का अमर के पूरे परिवार को संभालना निशा को अच्छा लगता था और प्रेम ने कभी निशा से अपने दिल की बात नहीं कही थी क्योंकि उसे दर था की जिस दिन सच्चाई सबके सामने आएगी तो सब उससे नफरत ही करेंगे लेकिन अमर की दादी को सब पता था की

प्रेम निशा को चाहने लगा है और उसकी दादी भी यही चाहती थी की निशा की शादी हो जाए और सिर्फ प्रेम ही निशा को संभल सकता है क्योंकि प्रेम बहुत ही समझदार और अच्छा लड़का था एक दिन प्रेम का दम सा घुटने लगा क्योंकि अमर का एक्सीडेंट अब वह अपने दिल में छुपा नहीं सकता था सच्चाई उसे बताने थी और मौका देखकर उसने सारे सच्चाई सबके सामने बता दी और उसने यह भी कहा की अनजाने में उससे एक्सीडेंट हो गया था और अमर की मृत्यु हो गई यह सब सुनने के बाद सबको काफी दुख हुआ और प्रेम पर बहुत ही ज्यादा गुस्सा भी आया निशा ने सबके सामने प्रेम के थप्पड़ मार दिया और

उससे शादी करने के लिए भी माना कर दिया लेकिन निशा के दिल में वह अभी भी एक अच्छा लड़का था बस वह अमर के एक्सीडेंट को लेकर ही नाराज थी कुछ दिन बीट गए एक कंपनी में कम करने के बावजूद भी निशा प्रेम से कोई बात नहीं कर रही थी लेकिन वह कहते हैं ना की जिंदा इंसान को किसी के सहारे की जरूरत होती है उसी तरह निशा को भी किसी के सहारे की जरूरत थी और प्रेम का नाम धीरे-धीरे निशा के दिल में छपता रहा मगर फिर भी वह प्रेम से बात नहीं कर रही थी वह अभी भी उसे दोषी ही मानती थी एक दिन प्रेम ने निशा को गुलाब का फूल देते हुए कहा की निशा माना की मैं तुम्हारा दोषी हूं लेकिन

सच में मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं और तुम्हारे बिना मैं नहीं रह सकता निशा ने अपना प्यार छुपाते हुए उसे साफ-साफ माना कर दिया इस बात से बहुत दुखी होते हुए प्रेम निशा को एक लेटर देकर चला गया निशा ने जब वह लेटर पढ़ा तो उसमें लिखा था की वह अमर के कंपनी का एंप्लॉय नहीं है बल्कि यह कंपनी का मलिक है वह तो अपने सजा भुगतने के लिए यहां पर आया था और अब वह हमेशा हमेशा के लिए जा रहा है लेकिन प्रेम जब वापस अपने घर जा रहा था तो अचानक उसका एक्सीडेंट हो गया लेकिन जैसे-तैसे प्रेम बच गया फिर निशा और अमर के घर वालों को जब पता लगा तो वह जल्दी से हॉस्पिटल प्रेम को

देखने के लिए गए और प्रेम को हॉस्पिटल में देख कर अमर के घरवालों को ऐसा लगा की जैसे वह अपना बेटा दोबारा खो रहे हैं और निशा को भी अपने प्यार का एहसास हुआ की वह प्रेम से प्यार करती है और उसे यह एहसास हो रहा था की कहीं ना कहीं अमर भी यही चाहता होगा की उसके जाने के बाद प्रेम से ही वह अपना रिश्ता जोड़ ले और ना जाने क्यों प्रेम के एक्सीडेंट से वह बहुत ही ज्यादा घबरा गई थी निशा को प्रेम के बैक से डायरी मिली जिसमें प्रेम ने लिखा होता है की वह निशा से कितना प्यार करता है और मैं अपने अनजाने में की गई गलती से डरता हूं उसने सब कुछ डायरी में लिखा होता है

और उसमें खुद की फीलिंग अमर की दोस्ती वी परिवार का प्यार यह सब पढ़कर निशा को एहसास होता है की प्रेम भी उससे प्यार करता है और वह भगवान से प्रार्थना करती है की प्रेम बच जाए वह जल्दी ठीक हो जाए भगवान ने भी उसकी सन ली कुछ ही देर में डॉक्टर बताते हैं की प्रेम अब सुरक्षित है फिर प्रेम के ठीक होने के बाद निशा उसका हाथ पकड़ कर कहती है की प्रेम मुझे माफ कर दो मैं भी तुमसे प्यार करती हूं उसे दिन मैंने तुम्हें थप्पड़ मारा उसके लिए भी सॉरी मैंने तुम्हारी डायरी पढ़ ली है तुम बहुत अच्छे हो प्रेम और जो कुछ भी हुआ गलती से हुआ है अब दोनों भौतिक खुश हो

गए थे। इसके बाद प्रेम निशा को अपनी बाहों में भरकर कहता है की निशा मैं तुमसे बहुत ही ज्यादा प्यार करता हूं और तुमसे शादी करना चाहता हूं आई लव यू निशा फिर निशा और प्रेम दोनों शादी कर लेते हैं। और खुशी-खुशी अपनी जिंदगी बिताते हैं और निशा जिसको लगता था की वह अब किसी से प्यार नहीं कर पाएगी। उसे खुद दुबारा प्रेम से सच्चा प्यार हो गया। लेकिन दोस्तों अमर उसका पहला प्यार था और पहले ही प्यार रहेगा। और निशा के दिल के कोने में आज भी अमर बसता है यह बात निशा ने कभी किसी को नहीं बताई की आज भी वो अमर से बेहद प्यार करती है और उसकी आत्मा तो पहले ही उसकी हो चुकी थी। बस यह शरीर और निशा का थोड़ा सा प्यार प्रेम का है।

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