दिव्यांग राजा

 

दिव्यांग राजा

यह कहानी एक दिव्यांग राजा की है। उसकी एक आंख नहीं थी और एक पैर भी नहीं था लेकिन फिर भी उसके राज्य में कोई भी परेशानी नहीं थी। सभी लोग उसे राजा से बहुत खुश द और वह भगवान का शुक्रिया अदा करते रहते थे  की इतने अच्छे राजा उनकी जिंदगी में आए राजा को अपनी एक आंख और एक तंग ना होने का कोई भी दुख नहीं था वह हमेशा खुशी रहता था। अभी एक दिन वह राजा अपने महल के मुख्य कमरे में घूम रहा था। वह अपने पूर्वजों की लगी तस्वीरें को देख रहा था और सोच रहा था की मेरे पिताजी कितने बड़े शूरवीर थे। और मेरे दादाजी भी बहुत बड़े शूरवीर द और मुझे भी इतने बड़े शूरवीर खानदान में जन्म

लेने का मौका मिला इसके लिए वो राजा ऊपर वाले का दिल से धन्यवाद कर रहा था तभी राजा तभी चित्रों को देखते हुए आखिरी तस्वीर तक पहुंचा और फिर उसने खाली जगह को देखा तो वह बड़ी चिंता में पद गया क्योंकि उसे मालूम था की अब यहां जो तस्वीर लगेगी वह उसी की ही लगेगी लेकिन उसे राजा को इस बात की कोई भी चिंता नहीं थी की वह एक दिन मार जाएगा उसे चिंता तो इस की थी की वहां जो पेंटिंग लगेगी वह दिखने में कैसी होगी राजा की एक आंख और एक पैर एन होने की वजह से वह चिंता में पद गया और सोचने लगा की इस महल में सबकी इतनी शानदार पेंटिंग लगी

है लेकिन मेरी एक आंख और एक पैर एन होने की वजह से मेरी तस्वीर सबसे खराब लगेगी और बहुत बेकार भी दिखेगी राजा ने सोचा की मेरे मरने के बाद पता नहीं कैसी पेंटिंग बनवा जाएगी तो क्यों ना मैं अपने जीते जी अपनी एक शानदार तस्वीर बनवाओ ताकि मुझे यह सुकून मिल जाए की मेरी यहां अच्छी पेंटिंग लगेगी अब राज्य में ऐलान करवा दिया गया और सभी तस्वीर बनाने वालों को जल्द बुलवाया गया और कहा गया की जो भी पेंटर राजा की शानदार तस्वीर बनाएगा उसे शानदार इनाम मिलेगा आप सभी पेंटर राजमहल में आए और राजा के सामने पेश हो गए लेकिन राजा को देख कर सभी सोच में पद गए की जिस राजा की

एक आंख वह एक पैर एन हो उसकी अच्छी तस्वीर कैसे बन सकती है सभी पेंटर सोच रहे द की इनाम का तो पता नहीं लेकिन अगर अच्छी तस्वीर नहीं बनी और राजा गुस्सा हो गए तो सजा भी मिल सकती है इसलिए बड़े-बड़े चित्रकार भी आगे नहीं आए तभी उनमें से एक लड़का बड़ी हिम्मत करके बोला की महाराज मैं आपकी तस्वीर बनाना चाहता हूं और मुझे बस एक दिन का समय दीजिए उसे देखकर सभी बड़े से बड़े चित्रकार हैरान हो गए ये लड़का क्या पेंटिंग बनाएगा और अगर इसकी पेंटिंग राजा को पसंद नहीं आई तो इससे सजा जरूर मिलेगी तभी राजा उसे लड़के को बोला ठीक है तुम कल मेरी तस्वीर बनाकर

लाओ अगले दिन वह लड़का तस्वीर बनाकर ले आया और राजा का दरबार भी पुरी तरह से भर चुका था लोग दूर-दूर से यह देखने आए द की वह लड़का कैसी पेंटिंग बनाकर लाएगा अब लड़के ने जब उसे राजा की तस्वीर सबको दिखाई तो सभी लोग आश्चर्यचकित रह गए सब लोग जोर-जोर से ताली बजाने लगे और फिर जब राजा ने उसे तस्वीर को देखा तो वह खुशी के मारे झूम लगा और उसे लड़के से बहुत ही ज्यादा खुश हो गया और बोला की वह इससे अच्छी पेंटिंग इस पूरे राजमहल में भी नहीं है और राजा ने खुश होकर उसे लड़के को बहुत सारा इनाम दिया अब आप लोग सोच रहे होंगे की उसे राजा की तस्वीर कैसी बनी होगी जबकि

उसकी एक आंख और एक पैर भी नहीं है फिर कैसे पेंटिंग बनी होगी उसे तस्वीर में लड़के ने उसे राजा कोई घोड़े पर सवार किया था और बस एक ही तरफ से उसे राजा का पैर दिख रहा था और राजा तीरंदाज करते हुए दूर कहीं निशाना लगा रहा था और निशाना लगाते वक्त एक आंख बंद हो जाती है और उसे लड़के ने राजा की वही आंख बंद कर दी थी जो राजा के पास नहीं थी इस तरह से उसे लड़के ने राजा को निशाना लगाते हुए घोड़े के ऊपर सवार दिखाया जिससे एक आंख बंद और एक ही पैर दिखाया और इतना शानदार पेंटिंग बना दिया था की अब तक की उसे राजा की सबसे सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग थी दोस्तों उसे लड़के

के सामने भी बहुत बड़ी चुनौती थी लेकिन उसने हिम्मत बनाए। राखी झपकी राजा से उसको सजा भी मिलने का दर था। मगर उसने अपनी सोच को सकारात्मक बना कर राखी इसलिए जीवन में आप भी जिस मुकाम पर हो जिस किसी भी संकट में फंसे हो वह किसी भी स्थिति में हो तो अगर आपने अपनी सोच में सकारात्मक बनाए राखी और खुद में हिम्मत का साथ नहीं छोड़ा तो यकीन मानिए। आप उसे संकट से जरूर बाहर निकल जाएंगे धन्यवाद।

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