मेरी मालकिन और मैं

  

मेरी मालकिन और मैं

मेरा नाम नमन है। कुछ सालों पहले मैं मेडिकल कॉलेज में पढ़ता था लेकिन मेरी किस्मत ने कुछ इस तरह से मेरे साथ मजाक किया था कि मैं दूसरे शहर में नौकरी करने के लिए चला गया था यहां पर मैं सड़क पर बैठकर बच्चों के खिलौने बेचा करता था।मेरे पास एक नकाब पहने हुई लड़की आई उसने मुझसे ऐसी बात कही जिसे सुनकर होश उड़ गए थे मुझे अपने कानों पर यकीन ही नहीं आ रहा था। मैंने काफी दिन उसके साथ बिताए लेकिन उसका चेहरा नहीं देखा था वह हमेशा मेरे सामने अपने चेहरे पर नकाब लगाए रखती थी मैंने उससे उसका चेहरा देखने की बहुत जिद्द की लेकिन वह मुझे किसी भी हाल में अपना चेहरा दिखाने के लिए तैयार ही नहीं थी। वह कहती कि जब सही वक्त आएगा तो मैं तुम्हें अपना चेहरा दिखा दूंगी उसके मुताबिक जब सही वक्त आ गया और मैंने उसका चेहरा देखा तो मैं उसको देखते ही दंग रह गया था क्योंकि वह तो मेरी दरअसल कुछ साल पहले हम बहुत अमीर हुआ करते थे मेरे पापा इनकम टैक्स ऑफिसर थे एक दिन मेरे पापा ने एक ऐसे इंसान के घर में इनकम टैक्स का छापा मारा जिसके पास बहुत सारा गैर कानूनी पैसा मौजूद था। उस आदमी को अरेस्ट तो कर लिया गया था लेकिन उसके बेटे ने हमसे बदला लेने के लिए मेरे पापा को जेल में डलवा दिया। हम लोगों ने बहुत कोशिश की अपने पापा को जेल से रिहा करने की मगर कुछ नहीं हो सका कहते हैं ना कि अमीर इंसान सब कुछ कर सकता है हमारे पास भी काफी सारे पैसे थे हम लोग भी अमीर थे लेकिन उन लोगों के मुकाबले हम लोगों के पास इतनी दलत नहीं थी मैं तो डॉक्टर बनने के लिए पढ़ाई कर रहा था। इसीलिए मैं हॉस्टल में ही रहता था जब मुझे अपने घर के इस तरह के हालात के बारे में पता चला तो मैं भी अपने घर पर आ गया था हमने अपने पापा को जेल से रिहा करने की जी तोड़ कोशिश कर ली थी लेकिन मेरे पापा बहुत ही साधारण से आदमी थे मेरे पापा ने जेल में ही खुदकुशी कर ली हम लोग उनकी मौत पर बहुत दुखी हुए थे मैं तीन बहनों का इकलौता और सबसे छोटा भाई था। मेरी मां अकेली रह गई थी मेरे पापा का का सपना था कि मैं एक डॉक्टर बनूं मैं उनका सपना पूरा करने के लिए ही डॉक्टर बनने की तैयारी कर रहा था लेकिन पापा के मरने के बाद हमारे घर के हालात दिन बदिरा थे मेरे पापा की कमाई से ही हमारे घर का खर्च चल रहा था और जो थोड़े बहुत पैसे हमारे पास जमा थे वह कोर्ट कचहरी के कामों में खर्च हो गए थे इस तरह से हम पर परेशानियों के पहाड़ टूट पड़े थे मेरी पढ़ाई लिखाई बंद हो गई थी कॉलेज से बिना बताए ही मुझे घर आना पड़ गया था। इधर मां की भी हमेशा तबीयत खराब रहने लगी थी और बहनों का तो रो-रोकर बुरा हाल हो गया था मेरी तीनों बहनें मुझसे बड़ी और जवान थी। मुझे उनकी शादी की फिक्र हो रही थी लोगों ने हमारे बारे में गलत गलत बातें करना शुरू कर दी थी जिस वजह से मेरी बहनों के रिश्ते नहीं लग पा रहे थे हमें बहुत ज्यादा परेशानी के हालात से गुजरना पड़ रहा था मैंने कभी नौकरी नहीं की थी क्योंकि मेरी उम्र बहुत कम थी अभी तो मैं पढ़ाई कर रहा था अब घर की सारी जिम्मेदारियां उठाने के लिए मैंने नौकरी करने का फैसला कर लिया था मेहनत करने से तो मैं नहीं घबरा रहा था क्योंकि घर के हालात ही कुछ इस तरह से हो गए थे कभी हमने गरीबी भरे हालात नहीं देखे थे लेकिन अब हालात ऐसे हो गए थे कि घर में खाने के लिए भी कुछ नहीं बचा था मुझे घर के हालात सही करने थे अपने शहर में तो मुझे कहीं नौकरी नहीं मिल रही थी फिर मैं दूसरे शहर में नौकरी करने के लिए निकल गया था वहां जाने के बाद भी मुझे धक्के ही मिल रहे थे बड़ी मुश्किल से मुझे एक होटल में वेटर की नौकरी का मौका मिला था मैंने इस मौके को हाथ से नहीं जाने दिया था जिस शहर में मैं नौकरी करने के लिए आया था यह शहर बहुत अच्छा और खूबसूरत था यहां पर मैंने देखा था कि रात को काफी सारे लड़के खिलौने बेचा करते थे और उनके खिलौने बिक भी जाते थे इसीलिए मैंने फैसला किया कि मैं दिन में होटल में वेटर की नौकरी और रात को पार्ट टाइम सड़क के किनारे बैठकर बच्चों के खिलौने बेच लिया करूंगा इस तरह से मेरे पास काफी सारे पैसे आ जाएंगे मैं लगातार अपनी नौकरी कर रहा था जो पैसे मुझे होटल से मिलते वह मैं अपने घर भेज दिया करता था इसी शहर में मैंने एक छोटा सा कमरा किराए पर ले लिया था रात को मैं जो खिलौने बेचा करता था उससे मैं खाना खा लेता था और कमरे का किराया भी दे दिया करता था इसी तरह से जिंदगी गुजर रही थी और मुझे यहां पर काम करते हुए अब चार महीने हो गए थे मुझे आज भी वह दिन याद है बहुत ज्यादा गर्मी हो रही थी और मैं सड़क के किनारे बैठकर बच्चों के खिलौने बेच रहा था आज होली का दिन था और मैं मेले में खिलौने बेच रहा था उस दिन मेरे खिलौने खूब बिक रहे थे आज मुझे सारी रात जागकर खिलौने बेचने थे क्योंकि आज त्यौहार का दिन था ऐसे मौके पर खरीदारी ज्यादा होती है क्योंकि त्यौहार के अलावा तो मेरा काम ज्यादा अच्छा नहीं चलता था शुरू शुरू के दिनों में मेरा काम बहुत अच्छा चलता था लेकिन जब से बड़े-बड़े लोगों ने बड़े-बड़े मॉल से बच्चों के लिए खिलौने खरीदना शुरू कर दिया था तब से ही मेरा यह खिलौने वाला काम भी अच्छा नहीं चल रहा था बस कुछ गरीब लोग ही हमसे खिलौने खरीद लेते थे इधर वेटर के काम में तो मुझे सिर्फ तीन या 7000 महीना ही मिल रहे थे क्योंकि इस होटल में वेटर के काम के लिए तो बहुत सारे लड़के रखे हुए थे इसीलिए हम लोगों को कमकम ही सैलरी पर रखा गया था अगर कोई भी अपनी सैलरी बढ़ाने की बात करता तो वह नौकरी से निकल जाने को कह देते थे घर पैसे भेजने के बाद मेरे पास कुछ भी नहीं बचता था मैं किस्मत से बहुत मायूस हो चुका था कभी-कभी मेहनत भी हमारी किस्मत को नहीं बदल सकती खिलौने बेचने पर तो कमाई ना कि बराबर ही हो रही थी और जिम्मेदारियां मुझे किसी पल भी चैन नहीं लेने दे रही थी कभी-कभी मैं सोचता था कि वापस अपने शहर लौट जाऊं लेकिन वहां भी मेरे लिए कुछ नहीं रखा था वहां मैंने काफी दिन नौकरी की तलाश कर ली क्योंकि मेरी गैर मौजूदगी में मेरी बड़ी बहन ने भागकर अपनी मर्जी से शादी कर ली थी एक तो मेरे पापा के जेल जाने की वजह से लोग हमें बुरा भला कहते थे दूसरा मेरी बहन ने भागकर हमारी इज्जत पर दाग लगा दिया था इस वजह से मेरी बाकी दो बहनों का रिश्ता नहीं लग पा रहा था मैं लोगों की बातें और दोनों बहनों का सामना नहीं कर सकता था जिनकी शादी हमारे घर की इज्जत खराब होने की वजह से नहीं हो पा रही थी मैंने सोचा था कि यहीं से मेहनत करके मैं अपनी बहनों के फ्यूचर को सिक्योर कर सकता हूं आज मेरी होटल से छुट्टी थी इसलिए आज मैं सुबह ही सड़क के किनारे बैठकर खिलौने बेच रहा था और शाम के टाइम मेरे पास एक नकाब पहनी हुई लड़की आई उसके साथ एक बच्चा भी मौजूद था उसने मुस्कुराकर मुझसे सारे खिलौने खरीद ली एक बार में ही मेरे सारे खिलौने बिक गए थे अचानक ही मेरी इतनी बिक्री हो गई कि मेरे पास से लगभग सारे खिलौने ही बिक गए थे और मैं बहुत ज्यादा खुश हो गया था इस लड़की ने इस बच्चे की खुशी की खातिर उसे सारे ही खिलौने दिला दिए थे इसलिए तो उसने मेरे सारे खिलौने खरीद लिए थे मैं खुशी से उसे जाते हुए देख रहा था लेकिन यह देखकर मेरी आंखें फटी की फटी रह गई कि वह एक बहुत बड़ी सी कार में बैठ गई थी जिसका दरवाजा ड्राइवर ने खोला था यह जरूर किसी अमीर बाप की बेटी थी लेकिन मैं यह सोचकर परेशान हो रहा था कि इस अमीर लड़की को मुझसे ही खिलौने खरीदने की क्या जरूरत थी वह चाहती तो किसी बड़ी दुकान से भी जाकर खिलौने खरीद सकती थी जो भी था मैं तो अपनी कमाई होने पर बहुत खुश था क्योंकि आज की छुट्टी का सारा प्रॉफिट मुझे मिल गया था मेरी छुट्टी बेकार में नहीं गई थी बल्कि मैंने तो इतना प्रॉफिट कमा लिया था कि मेरे एक हफ्ते के खर्च के पैसे आ गए थे लेकिन शायद मुझे खुशियां राज नहीं थी क्योंकि जब मैं थका हारा अपने घर पहुंचा तब मकान मालिक मेरे कमरे में आ गया मकान मालिक ने मुझे बताया कि तुम्हारे घर से फोन आया था दरअसल मेरा मोबाइल खराब हो गया था मैंने घर वालों को मकान मालिक का नंबर दे दिया था कभी-कभी मेरी मां या बहन मेरा नंबर ना लगने पर मकान मालिक को फोन कर लिया करती थी आज घर से फोन आने की बात सुनकर मैं परेशान हो गया था और मकान मालिक से पूछा कि मेरे घर पर सब कुछ ठीक तो है लेकिन उन्होंने मुझे कुछ बताए बिना ही मेरे घर का नंबर डायल करके मुझे दे दिया था दूसरी तरफ फोन पर मेरी बहन बहुत रो रही थी उसकी रोती हुई आवाज सुनकर मैं परेशान हो गया था और मेरी जान निकल गई थी क्योंकि मैं घर का अकेला ही सहारा था और पता नहीं मेरे पीछे घर में क्या हो रहा था फिर मेरी बहन ने मुझे एक ऐसी खबर सुनाई जिसे सुनकर मेरा दिल दहल कर रह गया था मैं पहले ही बहुत ज्यादा परेशान था बहन की यह बात सुनकर तो मेरी सास अटक गई थी मैंने अपनी दीदी को तसल्ली दी थी जबकि सच तो यह था मैं खुद भी इस खबर को सुनने के बाद बुरी तरह से तू गया था एक के बाद एक परेशानियों का पहाड़ मुझ पर टूटता ही चला जा रहा था मैंने अपनी बहन से कहा था कि तुम परेशान मत हो मैं जल्द से जल्द कोई ना कोई बंदोबस्त कर लूंगा और फिर सब कुछ ठीक हो जाएगा बहन से बात करने के बाद मैंने फोन बंद कर दिया था मैं बुरी तरह से रोने लगा था कमरे में मौजूद मकान मालिक भी मुझे तसल्ली देने लगे थे मेरी दीदी ने मुझे बताया था कि मां की अचानक बहुत तबीयत खराब हो गई मां को जब डॉक्टर के दिखाया गया तो डॉक्टर ने बताया कि मां को कैंसर हो गया दीदी ने कहा था कि मां के इलाज के लिए तुम्हें पैसे भेजने होंगे अब मुझे मां के इलाज के लिए लगभग ₹2000000 की जरूरत थी अब मुझे जल्द से जल्द इतनी बड़ी रकम जमा करनी थी क्योंकि मुझ जैसे एक मजदूर लड़के को इतने ज्यादा पैसे कहां से मिल सकते थे मैंने सोचा था कि मैं अपने होटल के मालिक से बात करूंगा और खिलौनों को रात को मन लगाकर और मेहनत से बेचूंगा चाहे मुझे उसके लिए सारी रात ही क्यों ना जागना पड़े यह सब जानने के बाद वह सारी रात रात मेरी बड़ी मुश्किल से गुजरी थी मैं अपने घर वालों से दूर था मुझे सारी रात अपनी मां की फिक्र में गुजर गई थी सुबह हुई तो मैं फौरन अपनी मां से मिलने के लिए घर पहुंच गया था मां को तसल्ली दी कि मैं जल्दी ही पैसे लेकर आऊंगा और उनका इलाज करवा दूंगा रात तक मैं वापस अपने घर से निकलकर इसी शहर में वापस आ गया था जहां पर मैं नौकरी कर रहा था नौकरी पर आया तो मैंने होटल के मालिक से इस बारे में बात की उन्हें अपनी मां के बारे में सब कुछ बता दिया लेकिन मेरे मालिक को मुझसे कोई हमदर्दी नहीं हुई थी तो वह कहने लगे कि यहां हर दूसरे तीसरे दिन हर वेटर अपनी सैलरी बढ़ाने या फिर पैसे लेने के लिए इसी तरह की परेशानी बताता है जाओ जाकर अपना काम करो होटल के मालिक के बिहेवियर में इतना ज्यादा गुस्सा और एटीट्यूड भरा हुआ था कि मेरी आंखों से आंसू निकलने लगे थे जबकि मैंने उनसे कोई झूठ नहीं कहा था और ना ही मैंने उनसे भीख मांगी थी मुझे तो कुछ पैसे उधार की जरूरत थी जो मैं हर महीने अपनी सैलरी से थोड़ा-थोड़ा कटवा करर उनको लौटा देता लेकिन शायद उनके सीने में दिल ही नहीं था नौकरी का टाइम पूरा करके मैं खिलौने बेचने के लिए सड़क के किनारे बैठ गया था और मुझे वहां पर बैठे हुए अभी कुछ देर ही गुजरी थी कि जब वह नकाब वाली लड़की दोबारा से मेरे पास खिलौने खरीदने के लिए आई थी उसने एक बार फिर से मुझसे लगभग मेरे पास मौजूद सारे ही खिलौने खरीद लिए थे उसके साथ आज भी वही बच्चा मौजूद था जिसे वह पहले लेकर आई थी मैं अपनी इस बिकरी पर बहुत ज्यादा खुश हुआ था और साथ ही इस इस बात पर हैरान भी था कि वह लड़की इतने ज्यादा खिलौने का क्या करेगी जबकि एक बच्चा लगभग तीन या चार खिलौने से ही तो खेल सकता है इतने ज्यादा तो नहीं ले सकता लेकिन वह तो सारे के सारे ही अपनी गाड़ी के डिग्गी में रख लेती थी शायद उसके घर में और ज्यादा बच्चे होंगे तभी वह उनके लिए सारे खिलौने ले जाती होगी मुझे इस बात से कोई मतलब नहीं था मैंने उसकी तरफ ध्यान ना देते हुए जल्दी से उससे पैसे लिए और अपने प्रॉफिट के पैसे गिनने लगा दूसरे दिन फिर से वही लड़की मेरे पास आई और उस दिन भी उसकी वजह से मुझे अच्छा खासा प्रॉफिट हुआ था मेरे लिए तो वह किसी भगवान से कम नहीं थी दिन इसी तरह से गुजर रहे थे वह लड़की हर दूसरे तीसरे दिन मेरे पास पाबंदी से उस बच्चे के साथ आने लगी थी लेकिन वह लड़की हर बार अपना चेहरा छुपाकर ही आती थी और मुझसे खिलौने खरीदकर मुझे असल रकम से ज्यादा पैसे दे जाती थी इधर मेरे पास घर से भी बार-बार फोन आ रहे थे कभी मेरी बहन कहती कि वापस आ जाओ तो कभी वह कहती कि पैसे भिजवा दो क्योंकि वह खुद भी मां की तबीयत देख देखकर बहुत ज्यादा परेशान हो गई थी और इसीलिए समझ नहीं पा रही थी कि कैसे उसे क्या करना चाहिए मैंने यही सोचा था कि अगर मुझे हर दिन इसी तरह से प्रॉफिट होने लगा तो मैं अपनी मां के इलाज के लिए पैसे जमा कर लूंगा उसके बाद मैं घर वापस चला जाऊंगा लेकिन यह लड़की काफी दिनों से मेरे पास खिलौने खरीदने के लिए आ रही थी मैं काफी दिनों से इस लड़की का इंतजार कर रहा था वैसे तो वह हर दिन यह लड़की आती थी लेकिन अब जब से मुझे इसकी जरूरत थी वह लड़की आ ही नहीं रही थी ₹2000000 मुझे अपनी मां के इलाज के लिए चाहिए थे यह मेरे लिए बहुत बड़ी रकम थी काफी दिनों के बाद वह लड़की मेरे पास जब खिलौने खरीदने के लिए आई तो मेरी उम्मीद जागने लगी थी उसने मेरे सारे खिलौने खरीद लिए बल्कि हैरान कर देने वाली बात तो यह थी कि उसने मुझे काम की ऑफर भी की थी मैं उस लड़की की बात सुन रहा था जिसे सुनकर मुझे अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था वह लड़की मुझसे कहने लगी कि तुम्हें मेरे घर काम करना होगा यह बात सुनकर मैं शॉक्ड रह गया था और काफी देर तक तो मैं ध्यान से उसकी बात को सुनने की कोशिश करने लगा और उसकी तरफ देखता रहा मुझे ऐसा महसूस हुआ कि व नकाब के अंदर से मुस्कुरा रही है जब काफी देर तक मेरे मुंह से कोई शब्द नहीं निकल सका तो फिर वह कहने लगी कि नौकरी की बात सुनकर तो तुम बहुत चौक गए हो यह कोई इतनी बड़ी बात तो नहीं है मैं तुमसे काम करवाना चाहती हूं और इसके बदले तुम्हें बड़ी रकम दूंगी तुम्हें कोई ऐतराज है क्या मैंने हक लाते हुए पूछा कि क्या आप सच में मुझे अपने पास नौकरी पर रखना चाहती हो मैं तो एक मामूली सा खिलौने बेचने वाला हूं और रात को यहां पर खिलौने बेचने के लिए बैठ जाता हूं मुझे तो इस शहर में कोई नौकरी देने के लिए भी तैयार नहीं तो फिर आप मुझसे क्या काम करवाना चाहती है वह कहने लगी बस यह समझ लो कि मैं भी तुम्हें नौकरी ही दूंगी और तुम्हें हर महीने नौकरी के ₹2500000 आप मुझे हर महीने ₹ ज दिया करोगी वह लड़की कहने लगी हां मुझे तुम जैसे मेहनती और ईमानदार इंसान की जरूरत थी और तुम्हें देखकर मुझे आईडिया हो गया कि तुम बहुत मेहनती और ईमानदार इंसान हो जो अपनी नौकरी करने के बावजूद भी पार्ट टाइम सड़क के किनारे बैठकर बच्चों के खिलौने बेचते हो तुम मेरे साथ चलो मैं तुम्हारे रहने का बंदोबस्त भी कर दूंगी और तुम्हारी सारी परेशानियां भी हल हो जाएंगी बस मेरे साथ मेहनत और ईमानदारी से काम करना होगा हर महीने ₹2500000 शब्दों में कह दिया था कि मैं शरीफ लड़का हूं मेहनत से कमाता हूं मैं कोई भी गैर कानूनी काम नहीं करना चाहता अगर एक बार मुझे वेटर की नौकरी से निकाल दिया गया तो मेरे पास जो नौकरी है वह भी मेरे हाथ से चली जाएगी मेरी बात सुनकर वह हंस पड़ी थी और कहने लगी मैं क्यों तुमसे कोई गैर कानूनी काम करवाऊंगी मैं भी एक शरीफ परिवार की रहने वाली लड़की की हूं मैंने इस शहर में अपना बचपन गुजार दिया है यहां के सब लोग मुझे जानते हैं अगर ऐसी कोई बात होगी तो तुमसे पहले मैं पकड़ी जाऊंगी इसलिए बेफिक्र रहो मैं तुमसे ऐसा वैसा कोई काम नहीं करवाऊंगी जो गैर कानूनी हो उसकी बात सुनकर मुझे तसल्ली हुई थी और मैंने सोचा था कि शायद कोई बहुत ज्यादा मेहनत वाला काम है वरना ₹5000000 मिल जाए तो वही बहुत बड़ी बात है मुझे सोच में गुम देखते हुए वह लड़की कहने लगी कि तुमने सोचने में इतना टाइम क्यों लगा दिया बताओ फिर तुम कब से मेरे पास नौकरी के लिए आ रहे हो जब तुम्हें नौकरी करनी ही है तो फिर सोचने की क्या जरूरत है बस वही करना जो मैं तुम्हें कहूंगी और तुम्हें हर महीने में ₹2500000 बाद फैसला कर लिया फिर फौरन ही अपने खिलौने की टोकरी उठाकर उसकी डिग्गी में रख दी मेरा मानना था कि किस्मत बार-बार दरवाजे पर दस्तक देने के लिए नहीं आती और इस टाइम जब खुशकिस्मती दरवाजे पर दस्तक दे चुकी थी तो दरवाजा ना खोलना बहुत बड़ी बेवकूफी थी ना ही मैं मेहनत से पीछे था और ना ही मैं कामचोर था अगर आज मेरी डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी हो गई होती तो मैं आज बहुत बड़ा डॉक्टर होता पर शायद किस्मत को यह सब मंजूर नहीं था मेरी किस्मत में परेशानियों से लड़ना ही लिखा हुआ था अगर मैं इस काम को कर लेता तो दो-तीन महीने में ही मेरे पास अपनी मां की इलाज के लिए पैसे हो जाते फिर तो सारी परेशानी ही खत्म हो जानी थी मैं उस लड़की की बड़ी सी एयर कंडीशन गाड़ी में बैठकर सोच रहा था कि यह लड़की मुझसे कोई ऐसा वैसा काम ना करवा ले मैं कहीं फंस ना जाऊं मेरी कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था मैं सोचने लगा मैं इतने सारे पैसे जब अपने घर भेजूंगा तो मेरे घर वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा मैं गाड़ी में बैठा हुआ था और बाहर की तरफ देख रहा था गाड़ी तेज रफ्तार से चल रही थी और जब गाड़ी रुकी तो हम एक आलीशान बंगले की तरफ पहुंच गए थे ड्राइवर ने ही इस लड़की के लिए दरवाजा खोला था बल्कि मेरे लिए भी गाड़ी का दरवाजा खोल दिया गया था ऐसा लग रहा था जैसे मैं कोई मालिक हूं यह लड़की मेरा हाथ पकड़कर मुझे अंदर ले गई ऐसे ले गई जैसे मुझ पर हक रखती हो मैं आलीशान बंगले को देख देख देख कर बहुत हैरान रह गया था लेकिन मैं एक बात काफी दिनों से नोटिस कर रहा था कि यह लड़की जब भी मुझसे मिलती थी इसका चेहरा छुपा हुआ ही होता था यह अपना चेहरा नहीं दिखाती थी। मुझे लगा कि शायद अभी अपने घर में आ गई है तो अपना चेहरा खोल देगी मगर इसने अपने घर में आने के बावजूद भी मुझे अपनी शक्ल नहीं दिखाई थी उसने मुझे बैठने के लिए कहा था तभी उसने नौकरानी को आवाज लगाई और कहने लगी कि साहब को उनका कमरा दिखा दो आज से यह हमारे घर में ही रहेंगे मैंने इस लड़की से घबराते हुए कहा कि पहले आप मुझे मेरा काम तो बता दो आखिर मुझे क्या करना है वह कहने ल लगी इतनी भी जल्दी क्या है पहले सुकून से फ्रेश हो जाओ बैठकर जल्दी से खाना खाओ बातें तो बाद में भी होती रहेंगी और अब तो तुम्हें जिंदगी भर मेरे साथ ही काम करना है तो फिर जल्दी किस बात की उसने एक नौकर को भी मेरे साथ कमरे में भेज दिया था नौकर ने मुझे बताया था कि आज से यह कमरा आपका है और मैं हैरानी से इस कमरे को देखने लगा था अब तक तो मैं छोटे से कमरे में किराए पर रह रहा था अब इस बड़े से कमरे में जिंदगी गुजारने पर मजबूर था मुझे अपनी ममी की फिक्र हो रही थी मैं अपनी इस बदलती हुई किस्मत पर यकीन नहीं कर पा रहा था ऐसा लगता था जैसे यह सब कोई सपना है और आंख खुलने पर यह सपना टूट जाएगा मैं फ्रेश हो गया था लेकिन इस लड़की ने मुझे अभी तक कोई काम नहीं बताया था बल्कि मुझसे कहा था कि अभी एक दो दिन आराम करो मैं तुम्हारे लिए कपड़े तैयार करवाती हूं तुम खुद पर ध्यान दो और सबर करो मैं तुम्हें तुम्हारा काम समझा दूंगी मैं हाथ मुंह धोकर फ्रेश होकर तैयार हो गया था आज बहुत दिनों की के बाद मैंने ढंग के कपड़े पहने थे खुद को पहले जैसी हालत में देखकर मुझे बड़ी खुशी हो रही थी तभी नौकर कमरे में आया और कहने लगा साहब मैडम ने आपके लिए खाना लगवा दिया है खाना तैयार है चलकर पहले खाना खा लीजिए मैं नीचे जाकर खाना खाने के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठ गया था मैंने देखा कि अभी भी इस लड़की ने अपने चेहरे से नकाब नहीं हटाया था वह अपने घर पर भी नकाब में ही मौजूद थी वह मेरे सामने ही बैठी हुई थी मैंने उससे पूछा कि क्या तुम अपना चेहरा नहीं खोलती हो तो उसने कहा कि वक्त आने पर मैं तुम्हें अपना चेहरा भी दिखा दूंगी धीरे-धीरे तुम्हें तुम्हारे सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे लेकिन तुम्हें याद है ना कि मैंने यहां तुम्हें अपने काम के लिए बुलाया है तुम्हें मेरा काम करना होगा अगर तुम उस काम में कामयाब रहे तो मैं तुम्हारे सारे सवालों का जवाब दे दूंगी मैंने कहा पर आपने मुझे अभी तक कोई काम ही नहीं बताया तो वह लड़की कहने लगी कल को आराम से मैं तुम्हारा काम तुम्हें समझा दूंगी यह कहकर वह अपने कमरे की तरफ चली गई खाना खाने के बाद मैं अपने कमरे में आ गया था रात हो गई थी और फिर मैं सो गया अगले दिन उस लड़की ने मुझे नौकर से बुलवाने भेजा उसने मुझसे कहा कि तुम अच्छी तरह से तैयार हो जाओ उसके बाद तुम्हें मेरे साथ कहीं पार्टी में जाना है यह बात सुनकर मैं हैरान रह गया था भला मैं यहां पर अपना काम करने के लिए आया था लेकिन यह लड़की तो मुझे पार्टी में जाने के लिए कह रही थी मैं थोड़ी देर बाद तैयार होकर आ गया था उसने अभी भी नकाब ही किया हु था उसने मुझे गाड़ी में बैठने के लिए कहा मैंने देखा कि हम किसी की शादी में गए थे वहां पर सामने ही दुल्हा दुल्हन बैठे हुए थे इस लड़की ने भी अच्छे कपड़े पहने हुए थे हॉल के अंदर एंट्री करते हुए ही उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरा हाथ पकड़कर मुझे स्टेज पर ले गई उसने सारे लोगों के सामने बताया कि मैं उसका हस्बैंड हूं यह बात सुनकर मुझे बड़ी हैरानी हुई थी बल्कि मुझे गुस्सा भी आ रहा था कि यह लड़की ना जाने मुझसे क्या करवाना चाहती है लगभग सारे लोगों ने उसे मुबारकबाद दी और सभी लोग मेरे करीब आकर मुझे भी कांग्रेचुलेशन बोल रहे थे उस शादी में सारे मेहमान उस लड़की को प्रज्ञा कहकर पुकार रहे थे सब ने कहा कि प्रज्ञा तुम्हारा पति तो सच में बहुत अच्छा है लगभग दो घंटे हम लोग वहां पर रुके और उसके बाद हम घर पर आ गए थे घर आने के बाद मैंने उससे सवाल किया कि तुमने लोगों से झूठ क्यों कहा कि मैं तुम्हारा हस्बैंड हूं उसने मुझसे कहा कि यह समझ लो कि यही तुम्हारा काम है और मैं तुम्हें इसी काम के पैसे से दे रही हूं मैंने कहा लेकिन झूठ बोलना तो गलत बात है झूठ बोलना बहुत बड़ा पाप है तो वह कहने लगी झूठ तुमने नहीं बोला झूठ तो मैंने बोला है पाप की सजा भी मुझे ही मिलेगी तुम्हें नहीं मिलेगी क्योंकि तुमने तो अपने मुंह से एक शब्द भी नहीं निकाला तुम्हें परेशान होने की कोई जरूरत नहीं अगर तुमसे कोई भी कहे कि मैं तुम्हारी कौन हूं तो तुम्हें यही बताना है कि मैं तुम्हारी पत्नी हूं यह बात सुनकर तो मैं दंग रह गया था भला यह लड़की मुझसे झूठ क्यों बुलवा रही थी मैं सारा दिन घर में फ्री ही रहता था अब मेरा टारगेट यह था कि मुझे इस लड़की का चेहरा देखना था यह लड़की मुझे अपना चेहरा दिखाने के लिए तैयार नहीं थी अपने ही घर में यह लड़की अपना चेहरा छुपाकर घूमती रहती थी मैं एक दिन उसके कमरे में जाकर उसका चेहरा देखने की कोशिश कर रहा था लेकिन मैं नाकामयाब रहा मुझे उसका चेहरा दिख ही नहीं सका मुझे यहां पर नौकरी करते हुए एक महीना गुजर गया था वादे के मुताबिक उसने मुझे ₹2500000 से भेजकर अपनी मां का इलाज करवाना शुरू कर दिया उस लड़की के इतने बड़े बंगले में उसके अलावा और कोई नहीं रहता था पर फिर भी वह अपना चेहरा छुपा कर के रहती थी मेरी जिंदगी यहां पर अच्छी गुजर रही थी तभी एक दिन मैंने देखा कि घर में एक बूढ़ा आदमी वेल चेयर पर बैठा हुआ है और वह लड़की उसको लेकर आ रही थी मैं हैरान था कि यह बूढ़ा आदमी कौन है मुझे प्रज्ञा ने बुलाया और उस बूढ़े आदमी के सामने वह कहने लगी दादा जी यह मेरे पति हैं यह सुनकर वह बूढ़ा आदमी बहुत खुश छुआ उसने मुझे आशीर्वाद दिया और कहने लगा कि तुम दोनों हमेशा खुश रहो नौकर से कहकर उसने उस बूढ़े आदमी को कमरे में भिजवा दिया प्रज्ञ ने मुझे बताया कि तुम हैरान हो रहे होगे इनको देखकर अब तुम्हारा असल काम यही है कि तुम्हें इनको यकीन दिलाना है कि तुम मेरे पति हो मैंने उसे कहा कि आखिर तुम ऐसा क्यों कर रही हो उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने दादाजी के कमरे में ले गई और दरवाजे पर जाकर ही रुक गई उसने कहा यह देखो मेरे दादाजी हैं इन्हें भी तुम तुम्हारी मां की तरह कैंसर जैसी बीमारी है तुम गरीब हो तुम्हें पैसों की जरूरत है इसलिए तुम मेरे पास काम कर रहे हो मेरे पास तो बहुत सारे पैसे हैं मेरे पास किसी चीज की कोई कमी नहीं डॉक्टर ने बताया है कि मेरे दादाजी सिर्फ कुछ ही दिनों के मेहमान हैं मेरे दादा जी ने मुझे बचपन से ही पाल पोस करर बड़ा किया उन्होंने मेरी हर ख्वाहिश को पूरा किया लेकिन अब मेरे दादा जी चाहते हैं कि मैं शादी कर लूं मैं जिस लड़की से प्यार करती हूं शायद वो मुझसे प्यार नहीं करता और उसके अलावा मेरे दिल में कभी कोई लड़का आया ही नहीं और ना ही मैं उसके अलावा किसी और से शादी करना चाहती हूं मेरी चाहत यह है कि मेरी शादी हो तो उसी लड़के से हो जिससे मैं प्यार करती हूं वरना तो मुझे कुंवारा मरना मंजूर है मैं अपने दादाजी के बचे हुए दिनों को हसीन बनाना चाहती हूं इसलिए तुमसे कह रही हूं कि तुम मेरा पति बनने का नाटक करो ताकि मेरे दादाजी सुकून से मर सके और उनकी ये चाहत भी जीते जी ही पूरी हो जाए मेरे मां-बाप तो बचपन में ही मुझे छोड़कर चले गए थे मेरे दा दादा जी ने ही मुझे मां और बाप दोनों का ही प्यार दिया मुझे अपने दादाजी की इस बीमारी के बारे में बहुत टाइम बाद पता चला लेकिन जब मुझे पता चला तो काफी देर हो चुकी थी इसलिए उनका इलाज अब मुमकिन नहीं उनका अब यही इलाज है कि जो उनके दिन अब यह जिंदगी जीने के लिए बचे हुए हैं उनको यादगार और हसीन बना दिया जाए तुम इसमें मेरी मदद कर सकते हो मेरे दादाजी तुम्हें देखकर इसलिए ही ज्यादा खुश हुए क्योंकि उन्हें यही लगा कि तुम मेरे पति हो और मेरी पसंद अच्छी है बस बस मैं तुम्हें इसी काम के पैसे देती हूं यह कोई गलत और गैर कानूनी काम तो नहीं प्रज्ञा की यह बातें सुनकर मेरी आंखों में आंसू आ गए थे मैंने उससे कहा तुम्हें इस काम के लिए इतना बड़ा झूठ बोलने की कोई जरूरत नहीं थी अगर तुम मुझे बताती तो मैं ये काम फ्री में भी करने के लिए तैयार था क्योंकि जिस परेशानी से मैं गुजर रहा हूं तुम भी इस परेशानी से ही गुजर रही हो हम दोनों का दुख बराबर का है प्रज्ञा ने मुझे यह भी बताया कि मेरी एक बुआ है मेरे दादाजी की इकलौती बेटी हम उस दिन शादी में गए थे व मेरी बुआ जी के बेटे की शादी थी वहां पर मैं अपनी बुआ को यह यकीन दिलाने के लिए गई थी कि मैंने भी सच में शादी कर ली और तुम मेरे पति हो क्योंकि दादाजी को यकीन दिलाने के लिए मैंने साथ ही साथ बुआ जी को भी यकीन दिलाया था कि मैं शादी कर चुकी हूं और उनके बेटे की शादी में मैं अपने पति को लेकर आऊंगी मेरा इस दुनिया में बुआ और दादाजी के अलावा कोई नहीं है और इन दोनों को यकीन दिलाना मेरे लिए बहुत जरूरी था अगर बुआ को पता चल गया कि मैं दादाजी से झूठ बोल रही हूं तो वह उनको बता देती और इस वजह से मेरे दादाजी को बहुत दुख पहुंचता इसलिए मुझे बुआ और दादाजी दोनों को ही तुम्हारे बारे में बताना बहुत जरूरी था मैंने प्रज्ञा से कहा कि मैं तुम्हारा साथ देने के लिए तैयार हूं फिर मैंने उसको यह भी समझाया कि तुम भला कब तक उस लड़के के इंतजार में कंवारी बैठी रहोगी प्रज्ञा ने कहा कि जब तक उसे मेरे प्यार का एहसास नहीं हो जाता शायद तब तक मैं उसका इंतजार करती रहूंगी मैंने उससे उस लड़के के बारे में पूछा वह कहां है कैसा है प्रज्ञा ने कहा कि वह लड़का बिल्कुल ठीक है बस थोड़ी परेशानियों में उलझा हुआ है जब तक वह अपनी परेशानियों से बाहर नहीं निकलता तब तक उसे मैं और मेरी मोहब्बत कभी दिखाई नहीं देगी मैंने और प्रज्ञा ने उसके दादाजी के सामने झूठी मूठी एक्टिंग करना शुरू कर दिया था जिसके उसके दादाजी को यही लगता था कि प्रज्ञ और मैंने सच में ही शादी कर ली है इधर मैं अपने घर पर भी पैसे भेज रहा था लेकिन मैं अभी भी प्रज्ञा का चेहरा देखने के लिए बेताब हो रहा था वह मेरे सामने ही क्या किसी के सामने भी अपना चेहरा नहीं खोलती थी भला वो इतनी सारी जायदाद की इकलौती वारिस थी वह चाहती तो अपनी जिंदगी को अपने हिसाब से भी जी सकती थी लेकिन उसकी जिंदगी बड़ी ही सादी थी और उसके साथ जो बच्चा मुझसे खिलौने लेने के लिए आया करता था वह उसके ही घर के नौकर का बेटा था वह अपने घर की नौकरों से बहुत प्यार करती थी और हमेशा उसने गरीबों की मदद की थी मुझे प्रज्ञा के घर नौकरी करते हुए 3 महीने गुजर गए थे और अब हर महीने में अपने घर पर ढेर सारे पैसे भेज देता मेरी बहने मेरी मां का इलाज करवा रही थी उनका कहना था कि मां का ऑपरेशन होना है मैंने प्रज्ञा से बात करके अपनी मां के ऑपरेशन के लिए पैसे भी भेज दिए थे एक दिन मेरी बहन की कॉल आई उसने कहा कि दो दिन बाद मां का ऑपरेशन है तुम्हें मां के ऑपरेशन के लिए घर आना पड़ेगा इस टाइम पर हम दोनों बहनें अकेले नहीं रह सकते हमें तुम्हारे साथ की जरूरत है मैंने प्रज्ञा से इस बारे में बात की तो उसने कहा तुम यहां से नहीं जा सकते अगर तुम यहां से चले गए तो इधर मेरे दादाजी को तुम पर शक हो जाएगा मैंने ने प्रज्ञा से कहा कि तुम अपने दादाजी को कोई बहाना बना देना कि मैं किसी काम से दूसरे शहर गया हुआ हूं प्रज्ञा कहने लगी कि ऐसा नहीं हो सकता दादाजी की इन दिनों तबीयत ठीक नहीं है कभी भी कुछ भी हो सकता है मेरा भी साथ देने वाला यहां पर कोई नहीं तुम्हें मेरे साथ रहना पड़ेगा मुझे प्रज्ञा की जबरदस्ती पर गुस्सा आ गया मैंने उससे कहा कि भला तुम मुझ पर इतनी जोर जबरदस्ती नहीं कर सकती क्योंकि बदले में मैं तुम्हारा काम करता हूं तब जाकर तुम मुझे पैसे देती हो मेरी मां का ऑपरेशन होना है जैसे तुम्हारे लिए तुम्हारे दादाजी बहुत प्यारे हैं इसलिए मेरी मां भी मुझे बहुत प्यारी है प्रज्ञा ने मुझे बहुत रोकने की कोशिश की पर मैं नहीं रुका प्रज्ञा पहले ही मुझे मां के इलाज के लिए पैसे दे चुकी थी मैंने उससे कहा कि अब यहां की बात तुम खुद संभाल लो मुझे तो अपने घर जाना है सिर्फ दो दिन की ही तो बात है तुम मुझे जाने क्यों नहीं दे रही हो प्रज्ञा मेरे सामने रोने लगी उसने कहा प्लीज तुम रुक जाओ ना मत जाओ तुम यहां से अपनी बहनों से कह दो कि वह तुम्हारी मां की देखभाल कर लेंगी तुम्हें जितने पैसों की जरूरत है मैं तुम्हारे घर भेजने के लिए तैयार हूं लेकिन तुम मुझे छोड़कर मत जाओ मुझे मेरी मां की बहुत याद आ रही थी मैंने प्रज्ञा को बहुत समझाया और जब वह नहीं समझी तो मैं उसे छोड़कर अपनी मां का ऑपरेशन करवाने के लिए आ गया था इधर मेरी मां का ऑपरेशन सक्सेसफुल रहा था प्रज्ञा के पैसों से मेरी बहुत मदद हुई थी जब दो दिन गुजर गए तो मुझे लगा कि अब मुझे प्रज्ञा के घर चले जाना चाहिए मैं जब उसके घर गया तो यह देखकर हैरान रह गया कि उसके घर पर तो बहुत सारी भीड़ जमा थी बहुत सारे लोग थे जो रो रहे थे चारों तरफ कोहराम मचा हुआ था मैं जैसे ही घर के अंदर गया यह देखकर मैं हैरान रह गया कि प्रज्ञा के दादाजी की मौत हो गई दादाजी के पास ही सफेद कपड़े पहने हुए एक मासूम सी लड़की बैठी हुई थी जो बहुत बुरी तरह से रो रही थी और जोर-जोर से चिल्ला रही थी दादाजी दादाजी उसकी आवाज जब मेरे पहचानने में आई तो यह देखकर मेरे होश छुड़ गए थे कि वो लड़की कोई और नहीं बल्कि वह तो मेरी क्लासमेट थी कुछ सालों पहले जब मैं मेडिकल कॉलेज में पढ़ता था तो यह लड़की भी मेरे साथ ही पढ रही थी मुझे आज भी वह दिन याद है जब उसे कॉलेज के कुछ लड़के बहुत परेशान कर रहे थे उसने मुझसे मदद मांगी थी लेकिन मुझे हमेशा मेरे घर वाले समझाते थे कि तुम अपने काम से काम रखना इसने मुझसे बहुत मदद मांगी थी और मैंने इसकी मदद नहीं की थी क्योंकि मैं कॉलेज में नया-नया था मेरा पहला ही साल था उस दिन के बाद से य लड़की मुझे दोबारा कभी नजर नहीं आई थी लेकिन आज इसे अपनी आंखों के सामने देखकर मुझे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था लेकिन इसकी आवाज बिल्कुल प्रज्ञा से मिल रही थी काफी देर तक तो मैं सोच विचार करता रहा थोड़ी देर के बाद मुझे समझ आया कि यह लड़की वही लड़की है जो मेरी क्लासमेट थी शायद आज भी उसे मेरी मदद की जरूरत थी और मैंने उसकी मदद नहीं की थी यह सोचकर मुझे बेहद अफसोस हो रहा था प्रज्ञा के दादाजी का अंतिम संस्कार हो गया था मैं प्रज्ञा से मिलने की के लिए उसके कमरे में गया तो वह और जोर-जोर से रो रही थी मुझे देखते ही उसने अपने चेहरे को ढकना शुरू कर दिया मैंने उससे कहा प्रज्ञा कि मैं तुम्हें पहचान गया हूं तुम्हें अपना चेहरा ढकने की कोई जरूरत नहीं प्लीज मुझे माफ कर दो मैंने तुम्हारे साथ बहुत गलत किया हर बार तुमने मुझसे मदद मांगने की कोशिश की पर मैंने तुम्हारी मदद नहीं की शायद इसीलिए भगवान ने मेरी जिंदगी में इतनी ज्यादा परेशानियां लिख दी और जब मैं अपनी परेशानियों का हल तलाश करने के लिए घर से बाहर निकला तो कोई भी मेरी मदद करने के लिए तैयार नहीं था शायद यह सब इसलिए हुआ क्योंकि मैंने भी एक दिन तुम्हारी मदद नहीं की थी लेकिन जब भगवान ने मुझे दूसरा मौका दिया तो मैंने दोबारा भी तुम्हारी मदद नहीं की प्रज्ञा कहने लगी तुम्हारी ड्यूटी खत्म हो गई मेरे दादाजी इस दुनिया से चले गए मैं सिर्फ उनको दिखाने के लिए ही यह सारा ड्रामा कर रही थी तुम्हारे जाने के बाद उनकी बहुत ज्यादा तबीयत खराब हो गई उनको हॉस्पिटल लेकर गई तो डॉक्टर ने कहा कि अब इनका थोड़ा ही टाइम रह गया फिर घर ले आई और घर घर लाने के बाद आज सुबह उन्होंने अपनी आखिरी सांसें ली और मुझे इस दुनिया में अकेला छोड़कर चले गए तुम बताओ तुम्हारी मां की तबीयत कैसी है मैंने उससे कहा कि मेरी मां बिल्कुल ठीक है तुम्हारी मदद से मेरी मां ठीक हो गई लेकिन शायद मेरी मदद से तुम्हारे दादाजी नहीं बच सके वह कहने लगी कभी-कभी इंसान सब कुछ होते हुए भी अकेला रह जाता है और कभी-कभी इंसान जिसके पास कुछ नहीं होता फिर भी वह अच्छी जिंदगी गुजार रहा होता है देखो मेरे पास सब कुछ है लेकिन मेरी जिंदगी में प्यार नहीं प्रज्ञा कहने लगी मैं अपना चेहरा तुमसे नहीं छुपा रही थी यह देखो मेरी गर्दन पर जो जला हुआ निशान है ये उसी दिन का निशान है जिस दिन लड़कों ने मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की थी उन लोगों ने मेरे मुंह पर एसिड फेंक दिया था जो मेरे गाल पर आ गया और ये निशान छोड़ गया उसके बाद मैंने कॉलेज ही छोड़ दिया था और क्या तुम यह जानना चाहोगे कि जिस लड़की से मैं प्यार करती हूं वो लड़का कौन है वो लड़का तुम हो मैं तुमसे बहुत प्यार करती थी यहां आने के बाद जब दादाजी को पता चला कि मेरा चेहरा जल चुका है और मैं इसीलिए अपना चेहरा छुपा कर रखती हूं मेरे दादाजी ने उन लड़कों को तो अरेस्ट करवा दिया था उनको उनके किए की सजा मिल गई और शायद मुझे भी यहां आने के बाद एक नई उम्मीद जाग गई थी जिस जगह तुम रोज बैठते थे वहां पर मैं रोज रात को जाती थी जब मैंने वहां तुम्हें एक बार देखा तो मैं दिल ही दिल में बहुत खुश हुई थी मैंने तुम्हारी ऐसी हालत देखते हुए सोच लिया था कि मैं तुम्हारी मदद जरूर करूंगी और फिर मुझे अपने दादाजी को भी बताना था कि मैं शादी कर चुकी हूं इसलिए मैं तुम्हारे पास गई और तुम्हें नौकरी करने का ऑफर दिया क्योंकि तुम मजबूर थे तुम्हें भी नौकरी की बहुत जरूरत थी मैंने तुम्हारे बारे में सारी इंफॉर्मेशन निकलवा ली थी अब इस हालत में तुम क्या मुझे कोई भी एक्सेप्ट नहीं करेगा यह बात मुझे अच्छे से पता थी कि अगर मैं किसी लड़के से शादी करना भी चाहूं तो वह मेरा जला हुआ चेहरा देखकर कभी भी मुझसे शादी नहीं करेगा पर एक्टिंग तो कर सकता है इसलिए मैंने अपने चेहरे को छुपा आकर तुम्हें अपने प्लान का हिस्सा बनाया इस तरह से तुम्हारी मदद भी हो गई और मैं तुम्हारा साथ भी हासिल कर सकी तुम चाहो तो अब जा सकते हो क्योंकि तुम्हारा भी काम हो चुका है और मेरा भी काम हो चुका प्रज्ञा की इस बात ने मुझे पूरा हिलाकर रख दिया था सच में प्रज्ञा बहुत अच्छी लड़की है लेकिन हैरत मुझे इस बात पर हो रही थी कि वह मुझसे इतना प्यार करती है मुझे उसके जले हुए चेहरे से कोई ऐतराज नहीं क्योंकि उसका दिल बहुत अच्छा है मैंने उसे शादी के लिए प्रपोज किया तो वह फौरन ही मान गई प्रज्ञा को डर था कि शायद मेरी मां और बहनें इस शादी के लिए नहीं मानेगी लेकिन जब मैंने अपनी मां और बहनों को सारी बात बताई तो वह लोग भी झट से तैयार हो गए। प्रज्ञा इस सारी दौलत की इकलौती मालिक थी उसने मुझसे शादी करने के बाद मेरी दोनों बहनों की शादी भी कर दी और मैं अपनी मां के साथ प्रज्ञा के घर में ही शिफ्ट हो गया था। मैं और प्रज्ञा हम अपनी जिंदगी में आज बहुत खुश हैं और मेरी जिंदगी में अब पूरी तरह से बदलाव आ गया है दोस्तों उम्मीद करता हूं आपको हमारी कहानी पसंद आई होगी। 

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