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मेरी मालकिन और मैं

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   मेरा नाम नमन है। कुछ सालों पहले मैं मेडिकल कॉलेज में पढ़ता था लेकिन मेरी किस्मत ने कुछ इस तरह से मेरे साथ मजाक किया था कि मैं दूसरे शहर में नौकरी करने के लिए चला गया था यहां पर मैं सड़क पर बैठकर बच्चों के खिलौने बेचा करता था।मेरे पास एक नकाब पहने हुई लड़की आई उसने मुझसे ऐसी बात कही जिसे सुनकर होश उड़ गए थे मुझे अपने कानों पर यकीन ही नहीं आ रहा था। मैंने काफी दिन उसके साथ बिताए लेकिन उसका चेहरा नहीं देखा था वह हमेशा मेरे सामने अपने चेहरे पर नकाब लगाए रखती थी मैंने उससे उसका चेहरा देखने की बहुत जिद्द की लेकिन वह मुझे किसी भी हाल में अपना चेहरा दिखाने के लिए तैयार ही नहीं थी। वह कहती कि जब सही वक्त आएगा तो मैं तुम्हें अपना चेहरा दिखा दूंगी उसके मुताबिक जब सही वक्त आ गया और मैंने उसका चेहरा देखा तो मैं उसको देखते ही दंग रह गया था क्योंकि वह तो मेरी दरअसल कुछ साल पहले हम बहुत अमीर हुआ करते थे मेरे पापा इनकम टैक्स ऑफिसर थे एक दिन मेरे पापा ने एक ऐसे इंसान के घर में इनकम टैक्स का छापा मारा जिसके पास बहुत सारा गैर कानूनी पैसा मौजूद था। उस आदमी को अरेस्ट तो कर लिया गया था लेकिन उसके बेटे ने

जेठ ओर जेठानी की असलियत

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  मेरा नाम रीमा है। हमारा घर गांव में था मेरे बच्चे स्कूल की छुट्टियां होने पर अपनी बड़ी मां के घर जाने के लिए बहुत जिद्द किया करते थे। मैं अपने बच्चों को लेकर शहर अपनी जेठानी के घर चली जाती थी। मेरे पति जिस दिन हमें घर आना होता था उस दिन हमें लेने के लिए आ जाते थे। जब मैं अपनी जेठानी के घर पर रात के टाइम पर उनसे बातें करती तो वह मुझसे कहती कि आओ मैं तुम्हारी कमर की मालिश कर देती हूं कभी सारी जिंदगी तुम्हारी कमर में दर् नहीं होगा। मैं अपनी जेठानी से अपनी कमर की मालिश करवा लेती लेकिन इसके बाद मुझे नींद आ जाती और जब आधी रात को मेरी आंख खुलती तो मुझे कुछ अजीब अजीब सा महसूस होता था। लेकिन एक बात बड़ी अजीब होती कि आधी रात के टाइम पर भी मेरे जेठ जी जाग रहे होते थे और जेठानी सो जाती थी। एक दिन जब मैंने यह राज जानने की कोशिश की और जब राज खुलकर मेरे सामने आ गया तो मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई थी। मैं अपने माता-पिता की सबसे लाडली बेटी थी। हम सात बहनें थे और मैं अपनी सात बहनों से सबसे छोटी थी मम्मी तो बचपन में ही गुजर चुकी थी मेरे पापा ने ही अकेले हम सातों बहनों की परवरिश की थी हमारा कोई भाई भ