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प्रेम कहानी

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  नमस्कार दोस्तों आज मैं आपको सुनाऊंगा पापा मैं आपको छोड़ सकती हूं लेकिन रोहित को नहीं दोस्तों यह कहानी एक नादान लड़की की है जो मैं आपको सुनाने जा रहा हूं मैं अपनी उम्र के उस पड़ाव में थी। जब कोई भी लड़की किसी लड़के के प्यार में अपना सुध-बुध खो बैठती है यानि कि मेरी उम्र उस वक्त चतरा से 18 साल की थी अच्छे बुरे की तमीज और दुनियादारी को परखने का डंक मुझे में नहीं था। मेरी सोच में गहराई नहीं थी मेरा तो बस लड़कों के खूबसूरत चेहरे को देख उन पर मर मिटने को जीता था यह उम्र का वह दौर था। जब हर लड़की को एक साथ ही की जरूरत होती है मैं भी उन्हीं लड़कियों में से एक थी जिसे अभी साथी की जरूरत महसूस होने लगी थी लेकिन कुछ दिनों के बाद मुझे एक साथ मिल गया वह लड़का मेरे सामने वाले फ्लैट में रहता था और वह देखने में बहुत ही खूबसूरत भी था कि कुछ दिनों में मैं उसकी खूबसूरती की दीवानी हो गई एक दिन जब मैं उसे चुप कर देख रही थी तो उसने मुझे देख लिया अब कुछ दिनों तक हम दोनों यूं ही एक दूसरे को देखते रहे पर कुछ दिन बाद इशारो इशारो में हम दोनों की बातें होने लगी बातें होते-होते कि हम दोनों का मिलने का सिलसिला भी

सेठ और भगवान

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  कमाल का ताना दिया मंदिर में भगवान ने कि हमेशा मांगने आते हो कभी मुझसे मिलने भी आ जाए करो एक सेठ जी पर बहुत सारा पैसा था। उनके पास बहुत बड़े-बड़े बिजनेस चल रहे थे और जैसे जैसे उनका बिजनेस बढ़ता जा रहा था। उस सेठ की भक्ति प्रभु में बढ़ती जा रही थी लेकिन समस्या यह थी कि सेठ जी के पास में उस व्यापारी के पास में समय ही नहीं था कि भगवान की भक्ति करें बहुत सारे म मर तो उन्होंने बनवाए लेकिन स्वयं कभी पूजा करने के लिए गए नहीं उन्होंने मंदिर में पुजारी रख दिए और पुजारी को नियुक्त कर दिया कि आपको सुबह शाम की इन मंदिरों में पूजा करनी है तो वह सेठ घर में बैठकर खुश हो जाता था कि मंदिर में पुजारी तो रख ही दिए हैं। वह सब भगवान की पूजा करते रहेंगे। वहां सब संभाल लेंगे और इससे ज्यादा भगवान को चाहिए भी क्या लेकिन एक बार उनके बिजनेस में बहुत बड़ा घाटा हुआ वह ऐसे संकट में फंस गए कि जहां उन्हें 100 करोड़ रुपयो की आवश्यकता थी और जब उन्हें लगा कि मैं अब हर तरफ से घिर चुका हूं बर्बाद होने के कगार पर पहुंच चुका हूं पैसा कहीं से भी अरेंज नहीं हो पा रहा है तो याद आया कि मैंने इतने सारे मंदिर बनवाए हैं और भगवा

होटल के मालिक ने

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  नमस्कार दोस्तों आज मैं आपको सुनाऊंगा होटल के मलिक ने क्या किया कहानी सुनकर आपकी आंखें भी भर आएंगे यह कहानी है एक गरीब पिता और उसकी बेटी की। एक बार वह गरीब पिता अपनी बेटी को उसके स्कूल से लेकर आया और उसे एक महंगे होटल में लेकर गया। उसे व्यक्ति ने फटे पुराने कपड़े पहने हुए थे और उसकी बेटी स्कूल की ड्रेस में थी और जब वह होटल के अंदर पहुंचे तो वेटर ने पूछा सर आप क्या खाना पसंद करेंगे। आप अपना ऑर्डर बता दीजिए। अब उसे व्यक्ति ने कहा की आप मेरी बेटी के लिए एक प्लेट पाव भाजी लेकर ए जाइए बस तभी वेटर ने कहा की सर आप कुछ नहीं लेंगे। आपके लिए भी कुछ लेकर ए जाऊं तो उसे गरीब व्यक्ति ने कहा मेरे लिए कुछ नहीं आज सिर्फ मेरी बेटी के लिए ही पार्टी है मैंने इससे वादा किया था की अगर तुम इस जिले में दसवीं क्लास में टॉप करोगी तो मैं तुम्हें सबसे महंगे होटल में पार्टी दूंगा इसलिए आप सिर्फ मेरी बेटी के लिए पाव भाजी ले लिए वेटर यह बात सुनते ही दौड़कर अपने मलिक के पास गया और बोला की सर आपसे एक छोटी सी रिक्वेस्ट है की आप मेरी सैलरी से पैसे काट लेना लेकिन आज मैं चाहता हूं की उसे बच्चे के साथ उसके पिता को भी एक प

शादी शुदा मर्द

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   नमस्कार दोस्तों आज मैं आपको सुनाऊंगा वह पहले ही शादीशुदा था। पिछले साल रोहित अपनी कार्मिक शादी में जा रहा था दरअसल उसके कंपनी में वर्कर कम करता था जो कंपनी में बहुत पुराना था और अकेले कमाने की वजह से वो बहुत गरीब था और उसके घर में उसकी पत्नी और उसके दो बेटियां थी एक बेटी अभी छोटी थी और दूसरी बेटी जिसकी आज शादी थी।उसी की शादी में आज रोहित जा रहा था क्योंकि रोहित के पिता ने कहा था की बेटा ये वर्कर बहुत पुराना है और बहुत ही ईमानदार भी है। तुम ऐसा करो की इसकी बेटी की शादी में यह ₹50000 दे आओ वैसे तो वो ये पैसे नहीं लेंगे क्योंकि वो सिर्फ अपनी मेहनत का ही लेते हैं लेकिन तुम उन्हें किसी तरह माना कर ये पैसे तोहफे के रूप में दे देना अब रोहित अपने कर में उसे वर्कर की लड़की की शादी में निकल गया। वो वर्कर अपनी लड़की की शादी अपने गांव में कर रहा था जो शहर से काफी दूर था लेकिन जैसे-तैसे रोहित उसे गांव में बस पहुंचने वाला था की अचानक एक सुंदर सी लड़की रोहित की कर के आगे ए गई रोहित ने उसे लड़की को बचाने के चक्कर में अपनी कर साइड में खेतों में घुसा दी और रोहित बाल-बाल बच गया और वो लड़की भी उसके कर

किसान और चिड़िया

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   जीवन की सीख देने वाली छोटी सी कहानी |किसान और चिड़िया एक गांव में एक किसान राहत था। उसका गांव के बाहर एक छोटा सा खेत था। एक बार फसल बोन के कुछ दोनों बाद उसके खेत में चिड़िया ने घोंसला बना लिया। कुछ समय बीता तो चिड़िया ने वहां तो अंडे भी दे दिए उन अंडो में से दो छोटे-छोटे बच्चे निकाल आए। वे बड़े मजे से उसे खेत में अपना जीवन गुजरते लगे कुछ मीना बाद फसल कटाई का समय गया। गांव के सभी किसान अपने खेत की फसल की कटाई में गए बाल काटने के लिए अपने पड़ा से पूछूंगा और उसे खेत में भेजूंगा सुनकर चिड़िया के बच्चे परेशान हो गए जब वह वापस लोटी तो बच्चों ने उसे किसान की बात बताते हुए कहा मां आज हमारा यह अंतिम दिन है रात में हमें दूसरे स्थान के लिए यहां से निकालना होगा। चिड़िया ने उत्तर दिया इतनी जल्दी नहीं बच्चों मुझे नहीं लगता की कल खेत में फसल की कटाई होगी। चिड़िया की कहानी बातें सही साबित हुई दूसरे दिन किसान का पड़ोसी खेत में नहीं आया और फसल की कटाई ना हो सके शाम को किसान खेत में आया और खेत को जैसे की तैसी पड़ोसी तो नहीं आया। ऐसा करता हूं कल अपने किसी रिश्तेदार को भेज देता हूं चिड़िया के बच्चो

बेचारा पति

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   नमस्कार दोस्तों आज मैं आपको सुनाऊंगा पत्नी हो तो परिधि जैसी बेचारा पति सुनिए जी अगले महीने करवा चौथ है। आपको याद है ना परिधि ने अपने पति अभिषेक से बड़े प्रेम भरे शब्दों में कहा और पिछली बार भी आपने वादा किया था की अगली करवा चौथ पर आप मुझे अच्छे से अच्छे सारे दिलवाएंगे। अभी से ही का रही हूं इस बार कोई भी बहाना नहीं सुनूंगी पिछली बार तो आपने मुझे चोरियों में दल दिया था। तब अभिषेक मुस्कुराकर बोला हान हान याद है मुझे अबकी बार मैं तुम्हें सदी जरूर दिला दूंगा। अब मैं ऑफिस जाऊं मुझे देर हो रही है धीरे-धीरे दिन बाईट गए। और अब करवा चौथ का दिन आने में कुछ दिन बचे द अभिषेक सोच रहा था की परिधि 400 से 500 रुपए तक की ही सदी लेगी और वह उसे जैसे-तैसे दिला ही देगा। तभी एक दिन ऑफिस में अभिषेक के सीनियर ने उससे कहा यार अभिषेक असल में छुट्टी पर रहूंगा जरा मेरा कम भी तुम ही देख लेना अभिषेक बोला की सर आप चिंता ना करें मैं सारा कम संभल लूंगा लेकिन आज आप इतनी जल्दी कहां जा रहे हैं। तब उसके सीनियर ने कहा की यार अभिषेक एक हफ्ते बाद करवा चौथ है। इसलिए तुम्हारी भाभी को एक अच्छे से सदी और उसे कुछ जरूरत का समान

तलाक के बाद

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  नमस्कार दोस्तों आज मैं आपको सुनूंगा तलाक के बाद हुआ सच्चा प्यार देव और साधना की कहानी है कि देव और साधना दोनों को ही प्यार हुआ और फिर शादी लेकिन शादी जिम्मेदारी भरा काम होता है। जो देव और साधना दोनों ही नहीं निभा पाए और तलाक लेकर दोनों अलग तो हो गए लेकिन दोनों ही अंजाने में अपने ही हाथों से अपनी खुशियां खत्म कर रहे थे। जज साहब ने चौथी पेशी में ही अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि आप दोनों का तलाक मंजूर किया जाता है। अब देव और साधना एक-दूसरे से अलग हो चुके थे और वैसे भी दोनों के ही परिवार इस शादी से बिल्कुल भी खुश नहीं थे। क्योंकि देव और साधना ने लव मैरिज की थी और दोनों ही अलग-अलग विरादरी के थे और रिश्तेदारों में उनकी नाक भी कर चुकी थी। लेकिन वह दोनों तो प्रेम में बिल्कुल पागल हो चुके थे इसलिए अपने घर वालों की भी कहां सुनते यह बात तब की है जब देव और साधना दोनों ही बालिक थे और दोनों एक अच्छी कंपनी में नौकरी करते थे। और फिर एक साथ घूमने भी लगे और यहां तक कि एक दूसरे के घर पर भी जाने लगे और ना जाने देव और साधना को कब प्यार हो गया। उन्हें पता ही नहीं चला फ़िर दोनों छिप छिप कर मिलने लगे हैं है